मोटापे, एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में रुकावट), फैटी लीवर, ट्यूमर और पुरानी गठिया के आयुर्वेदिक पारंपरिक उपचार के लिए। यह एक प्रभावी मूत्रवर्धक, यूरिकोस्टेटिक (यूरिक एसिड का निर्माण), एंटी-लिथोजेनिक (किडनी में स्टोन) दवा के रूप में भी काम करता है।
बद्री की वरनादि क्वाथम (कश्यम-तरल काढ़ा)
500 ग्राम
VaranadiKwath एक हर्बल फॉर्मूलेशन है जिसका उपयोग आयुर्वेद में मोटापा, भूख न लगना, सुस्ती के साथ सिरदर्द, आंतरिक फोड़े, फैटी लीवर रोग, पेट की गांठ, संधिशोथ और फ्रोजन शोल्डर सहित कफ रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।
Varanadi Kashayamis कई चिकित्सीय स्थितियों जैसे उच्च कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, हेपेटाइटिस, सूजन या पेट की गड़बड़ी, एडिमा और नींद संबंधी विकारों के लिए भी फायदेमंद है
उपयोग की जाने वाली मुख्य सामग्री वरुण, शतवारी, चित्रक, सैर्यका, मोरवा, बेल या बिल्व, विशंका किरमार, बृहती, भाद्र और उत्पाद लेबल पर कई अन्य सामग्री हैं।